Monday, October 18, 2021

संवेदना के स्वर :"सुशासन" को "आईना" दिखाकर ,"नाटु" तुमने "इतिहास" रच दिया, "तुम्हें तो बहन की शादी करानी थी,सबको छोड़कर,"तुम कहाँ चल दिए " ..? वह पहलु जिसे अब तक आपने नहीं जाना,पत्थलगांव से लौटकर ....जानिए योगेश थवाईत की कलम से ....."जब मेहंदी लगाने वाले हाथों ने दी अपने भाई को अंतिम विदाई" ...

 


BY योगेश थवाईत,पत्थलगांव से लौटकर ....

पिछले तीन दिनों में करीब से पता चला कि गौरव अग्रवाल जिसे लोग प्यार से "नाटु"कहकर बुलाते थे।कद में छोटा होने के कारण वह प्यारा था और सबका चहेता भी था।लोगों के प्यार ने उसे "नाटु" बना दिया।यही वह चर्चित चेहरा था जो अब हम सबके बीच नहीं रहा।दुल्हनों के हाथों को मेहंदी से सजाने वाली बहन के हाथों ने अपने भाई को अंतिम विदाई थी।रुंधा गला,नयनों में अश्रु की धार,बेसुध होकर एक टक अपने भाई को निहारती उम्मीद भरी नजरें आज भी जीवंत बनीं हुई हैं

छत्तीसगढ़ में जशपुर जिले के पत्थलगांव में हुए भीषण घटना को कव्हर करने के दौरान स्थानीय लोगों से जो सुनने को मिला वह वैसा का वैसा आपके सामने प्रस्तुत कर रहा हूँ ...पत्थलगांव के प्रदीप ठाकुर बताते हैं ..

नाटु ऐसा लड़का था जो हमेशा खुशमिजाज रहता था,सबका सम्मान करना और सम्मानित शब्दों में बात करना उसकी खासियत थी।कोई उसे बुरा कह दे तो भी वह बुरा नहीं मानता था।हर किसी के दिल में उसके लिए स्नेह का भाव था। 

हर किसी ने यह जाना कि घटना कैसे हुई ..? कैसे एक कार हाहाकार बनकर आई और एक परिवार को उजाड़ते हुए  निकल गई ...कईयों ने उस दिन मौत का एहसास किया करीब से जाना कि मौत क्या होती है ...इन सबके बीच जब हम उस शोक संतप्त परिवार से मिलने पंहुचे तो पता चला कि स्वर्गीय गौरव के पिता मनोज अग्रावल 4 साल पहले ही एक हादसे में गुजर चुके हैं।जिस लड़के गौरव अग्रवाल की मौत हुई है उसकी उम्र मात्र 18 साल थी। पिता मनोज अग्रावल की मौत के बाद घर मे कुल 4 सदस्य थे। अब परिवार में कुल 3 लोग बचे हैं।जिसमें एक बड़े भाई चाहत और एक बड़ी बहन शिप्पी और माँ घर में बचे हैं।दोनों भाई मिलकर कपड़े का व्यवसाय करते थे।इसी दुकान में दोनों भाई बैठते थे। 

इस पुरे घटनाक्रम में सबसे दुखद पहलु यह रहा कि जब परिवार सम्हाल रहा था जब परिवार में खुशियाँ आने वाली थी तब यह बड़ी मुसीबत आ गई और गौरव काल के गाल में समा गया।आपको बता दें कि बड़ी बहन शिप्पी अग्रवाल की शादी 21 नवम्बर को होनी है। बहन पार्लर का काम करती है और घर घर जाकर शादी में मेहंदी का काम करती है।गौरव के जाने से शादी के माहौल वाले घर में जो मातम पसरा हुआ है उसे शब्दों से बयां कर पाना बेहद मुश्किल है इस घटना से हर कोई सदमे में है।जिन हाथों में मेहंदी सजनी थी उन्हीं हाथों ने अपने भाई को पुष्पांजलि अर्पित कर अंतिम विदाई दी।

संवेदना के स्वर तब झंकृत हो उठे जब बार बार चाहकर भी मन इस घटना को भुलाने में अक्षम बना रहा। आँखों के सामने नाटु की जलती चिता बस यही पुछ रही थी मेरा कसूर क्या था ...?  क्यूँ मुझे अपनों से दूर होना पड़ा,क्यूँ मुझे भगवान ने अपने पास बुला लिया ....? मैंने मन ही मन कहा नाटु तुम निश्चल थे,सबके प्यारे सबके चहेते थे,न तुम द्वेष जानते थे न दुर्गुण,भोलेपन की पराकाष्ठा तुम्हारे चरित्र का दर्पण था ....शायद तुम्हें मातारानी तुम्हे कोई बड़ी जिम्मेदारी देना चाहती होगी ...इसलिए उन्होंने तुम्हें अपने पास बुला लिया ..!

जब नाटु के साथ कर्मा नृत्य में शामिल घायलों के हक़ में आवाज उठाने की बारी आई तो पत्थलगांव शहर में जबरदस्त संवेदना दिखी।आह्ववान किसी ने भी किया पर साथ हर वर्ग ने हर समाज ने दिया यह पत्थलगांव नगरवासियों की संवेदना थी जिसके कारण शासन से लेकर प्रशासन,विधायक से लेकर मुख्यमंत्री तक दबाव बना हुआ था।कोई मौन जुलुस कर रहा था तो कोई हल्ला बोल रहा था,कोई नारे लगाकर गुस्सा निकाल रहा था तो कोई मुर्दाबाद के नारे लगाकर सरकार को कोस रहा था।इसे खीझ कहें,गुस्सा कहें या आक्रोश ..जिस प्रकार से घटना हुई वह ह्रदय विदारक थी ...."न भूतो,न भविष्यति" ...अब कभी शायद ऐसा न हो क्यूंकि..?

आज गौरव ने सरकार को आईना दिखाने का काम किया है।नाटु ने न केवल प्रशासन की आंखे खोलीं हैं बल्कि पुरे सिस्टम को कटघरे में लाकर खड़ा कर दिया है।आज हर कोई जिम्मेदार यह सोचने पर मजबूर है कि उससे चूक कहाँ हुई ...क्यूँ हुई ...क्या करते तो ..तो यह घटना नहीं हुई होती .....ऐसे तमाम सवाल आज मुंह चिढाते नजर आ रहे हैं।

15 अक्टूबर 2021 का दिन एक इतिहास रच गया।गौरव की मौत ने न केवल सिस्टम को हिलाकर रख दिया है बल्कि एक नए सिस्टम को खड़े करने की दिशा में उसने अपने आप को बलिदान कर दिया है।घटना का दोष किस पर मढें यह विषय नहीं इस घटना के बाद कभी ऐसा न हो इसके लिए प्रयास आवश्यक है।गौरव की मौत के बाद भी विश्वास नहीं होता कि सबका चहेता अब सबसे दूर जा चुका है।

आज पत्थलगांव की मातृशक्ति ने कैंडल जलाकर नाटु को श्रद्धांजलि अर्पित की।हाथों में कैंडल,आँखों में आंसु और ह्रदय में संवेदना के स्वरों ने अपने गौरव को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए उसकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। 

बस सुक्ष्मसत्ता से इतनी प्रार्थना है कि इस दुःख की घड़ी में शोक संतप्त परिवार को संबल प्रदान करें,दुखों से लड़ने की शक्ति प्रदान करें ...और गौरव को ब्रम्ह्लोक में स्थान दें ....ॐ शांति .....


इस पोस्ट को पढ़ने के बाद  नीचे कमेन्ट बाक्स में आप भी नाटु को आप अपने श्रद्धा सुमन अर्पित कर सकते हैं 

20 comments:

  1. गौरव भाई तुम अमर हो गए मेरे भाई..जन्मों तक दुर्गा उत्सव में तुम्हारे बलिदान को याद किया जाएगा..तुमने न जाने कितनों का काल अकेले अपने सर ले लिया..सिर्फ 4 सेकंड पहले मेरा तुझसे मिलना और 4 सेकंड बाद उस गाड़ी का काल बनकर आना और इतनी बड़ी घटना में सिर्फ तुझे हम सब से दूर ले जाना ये मामूली बात नही..तुमने जाते जाते भी बहुतों का काल अपने सर लेकर कइयों को नई जिंदगी दे दी..तू महान था मेरे भाई 😞😢

    ReplyDelete
    Replies
    1. Ekdam sahi ...विनम्र श्रद्धांजली नाटू भाई को

      Delete
    2. आपको सत् सत् नमन करते हैं नाटु भाई आपके परिवार वालों को भगवान दुःख सहने की शक्ति दे।

      Delete
  2. विनर्म श्रंद्धाजलि

    ReplyDelete
  3. जिस तरह आपका नाम गौरव है उसी तरह आपका गौरव कभी कम नहीं होगा जब भी सहीदो मे नाम लिया जाएगा आपका भी नाम लिया जाएगा आपने माता शेरावाली के भक्ति करते हवे अपना शरीर छोड़ दिया माता आपको अपने गोद मे ले लिए बस आपके इस तरह यूँ अपनो को छोड़ कर जाना बहुत ही हृदय विदारक हो गया फिर भी माता रानी से ये आग्रह है कि शोक santapt परिवार को सहने की शक्ति प्रदान करें मेरे श्याम उनको सहन करने की शक्ति प्रदान करें🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

    ReplyDelete
  4. विन्रम श्रधांजलि नाटू भाई तुम महान थे

    ReplyDelete
  5. नाटू भाई को विनम्र श्रद्धांजलि

    ReplyDelete
  6. गौरव नाटू भाई तुम अमर हो गए मेरे भाई..जन्मों तक दुर्गा उत्सव में तुम्हारे बलिदान को याद किया जाएगा..तुमने न जाने कितनों का काल अकेले अपने सर ले लिया..पूरी रात अपन साथ मे थे और फिर विषर्जन रैली में तुम आगे औऱ में पीछे.. सबसे पहली ठोकर मुझे मारते हुए उस गाड़ी ने कितनो को कुचला उस लाल गाड़ी का काल बनकर आना और इतनी बड़ी घटना में सिर्फ तुझे हम सब से दूर ले जाना ये मामूली बात नही..तुमने जाते जाते भी बहुतों का काल अपने सर लेकर कइयों को नई जिंदगी दे दी..तू महान था मेरे भाई 😞😢* नाटू भाई हर जगह हर कार्यक्रम में तेरी कमी हमेशा खलेगी ...

    आयुष अग्रवाल पत्थलगांव
    7415210399

    ReplyDelete
  7. गौरव , तुम्हारे साथ जो कुछ हुआ बहुत बुरा हुआ है । मै अपने जीवन में इस घटना को कभी नहीं भुला पाऊंगा । ईश्वर तुम्हे अपने श्री चरणों में स्थान दें ।कहीं ना कहीं मै खुद को भी दोषी मान रहा हूं । सरकार ने मुझे अच्छे लोगो की रक्षा और दुष्टों को सबक सिखाने के लिए वर्दी दी हुई है , मै तुम्हारी रक्षा नहीं कर पाया उसके लिए मुझे क्षमा करना मेरे भाई ।।यह घटना मेरे सम्पूर्ण जीवन के लिए एक सबक होगा ।।

    ReplyDelete
  8. विनम्र श्रद्धांजलि

    ReplyDelete
  9. हार्दिक संवेदनाएं

    ReplyDelete
  10. तू क्या था बहुत लोग नही जानते वो तेरा हँसना और और कभी भी नाराज न होना वो क्रिकेट के मैदान की खेल वाले पल या एक जगह बैठ कर मस्ती करते हुए वो पल कोई समझ पाया या नही पर मैं तुझे बहुत अच्छे से समझता था मेरे भाई तेरा ब्यौहार सबसे हटकर था

    ReplyDelete
  11. विन्रम श्रंद्धाजलि

    ReplyDelete
  12. विनम्र श्रद्धांजलि

    ReplyDelete
  13. गौरव भाई आपसे मैं भी आपसे मिला हूं आपका बात व्यवहार बहुत ही अच्छा था आप खूसमीजाज व्यक्ति थे आप को भुला पाना संभव नहीं है भाई ओम शान्ति

    ReplyDelete
  14. ॐ शांति ॐ शांति ।

    ReplyDelete
  15. 😭😭😭😭निःशब्द हूं गौरव, तुम्हारे कातिलों को सजा मिलनी चाहिए वो भी फांसी की। तुम हर दिल मे जिंदा रहोगे, तुम्हारा यह बलिदान पत्थलगांव हमेशा याद रहेगा। तुम्हे न भूल पाएंगे छोटे , विनम्र श्रध्दांजलि 🙏🙏😭😭💐💐

    ReplyDelete

मां शारदे वरदे, शरण हैं......

By योगेश थवाईत जशपुर मां शारदे वरदे, शरण  हैं , अज्ञान तिमिर, भग्न अंतस्थल।। रहा‌ न सूझ श्रेय-पथ अविचल, मोह निशा व्यथित हैं पल पल ।। माता कल...